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इंसानियत से बड़ा कुछ नहीं
धर्म नहीं, सियासत नहीं.
धन नहीं, विरासत नहीं.
किसी की हो सोच नई,
हो अलग तो अलग सही,
पर तुझे उस सोच को नोचने का हक़ नहीं,
यही भारत का लोकतंत्र है,
और इसमें किसी को शक़ नहीं।
- आयुष्मान खुराना
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