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होली का गीत - एकांत श्रीवास्तव

KavishalaKavishala March 17, 2022
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दुःख से भरा है यह माथा 

माथे पर लगा दो गुलाल का टीका 


जलते घरों की लपटों से 

झुलस गए हैं पेड़ 

इनसे लिपटकर रोई हैं स्त्रियाँ 


दुःख से भरे हैं ये पेड़ 

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