
Share0 Bookmarks 4279 Reads0 Likes
- आदि से अंत तक हम सिर्फ एक भारतीय है।
- हम जो स्वतंत्रता मिली हैं उसके लिए क्या कर रहे हैं? यह स्वतंत्रता हमें अपनी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मिली हैं। जो असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी हुई है, जो हमारे मौलिक अधिकारों के साथ संघर्ष करती है।
- स्वतंत्रता का अर्थ साहस है, और साहस एक पार्टी में व्यक्तियों के संयोजन से पैदा होता है।
- ज्ञान हर व्यक्ति के जीवन का आधार है।
- पुरुष नश्वर हैं। तो विचार हैं। एक विचार को प्रसार की आवश्यकता होती है जितना एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मरेंगे।
- एक सफल क्रांति के लिए यह आवश्यक नहीं है कि असंतोष हो। जो आवश्यक है वह हैं न्याय, आवश्यकता, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के महत्व पर गहन और गहन विश्वास।
- यदि आप मन से स्वतंत्र हैं तभी आप वास्तव में स्वतंत्र हैं।
- कुछ लोग सोचते हैं कि धर्म समाज के लिए आवश्यक नहीं है। मैं यह दृष्टिकोण नहीं रखता। मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन और प्रथाओं के लिए आवश्यक मानता हूं।
- आप स्वाद को बदल सकते हैं पर जहर को अमृत में परिवर्तित नही किया जा सकता।
- मैं एक समुदाय की प्रगति को उस प्रगति की डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है।
- पानी की बूद जब सागर में मिलती है तो अपनी पहचान खो देती है। इसके विपरीत व्यक्ति समाज में रहता है पर अपनी पहचान नहीं खोता। इंसान का जीवन स्वतंत्र है। वो सिर्फ समाज के विकास के लिए पैदा नहीं हुआ बल्कि स्वयं के विकास के लिए भी पैदा हुआ है।
- संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है बल्कि यह जीवन का एक माध्यम है।
- यदि हम आधुनिक विकसित भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों को एक होना पड़ेगा।
- एक इतिहासकार, सटीक, ईमानदार और निष्पक्ष होना चाहिए।
- मन का संवर्धन मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए।
- पति-पत्नी के आपसी संबंध दो सच्चे मित्रों की तरह होने चाहियें।
- जो धर्म स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है, वही सच्चा धर्म है।
- संवैधानिक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं हैं जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते।
- अच्छा दिखने के लिए नहीं बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ।
- क़ानून और व्यवस्था, राजनीतिक शरीर की दवा है। जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।
- देश के विकास के लिए नौजवानों को आगे आना चाहियें।
- हिंदू धर्म में, विवेक, कारण, और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
- जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बताये वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है।
- धर्म मनुष्य के लिए बना है न कि मनुष्य धर्म के लिए।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments