'Aspirants to Inspirations''s image
Share0 Bookmarks 39056 Reads1 Likes

इत्तिफ़ाक़ अपनी जगह ख़ुश-क़िस्मती अपनी जगह

ख़ुद बनाता है जहाँ में आदमी अपनी जगह

[अनवर शऊर]


इन्हीं ग़म की घटाओं से ख़ुशी का चाँद निकलेगा

अँधेरी रात के पर्दे में दिन की रौशनी भी है

[अख़्तर शीरानी]


कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं

नाख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है

[बेदम शाह वारसी]


कोशिश भी कर उम्मीद भी रख रास्ता भी चुन

फिर इस के बाद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर

[निदा फ़ाज़ली]


ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले

ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है

[अल्लामा इक़बाल]


चले चलिए कि चलना ही दलील-ए-कामरानी है

जो थक कर बैठ जाते हैं वो मंज़िल पा नहीं सकते

[हफ़ीज़ बनारसी]


जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा

किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता

[वसीम बरेलवी]

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts