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10 Must Read Poetry Books You should read | WORLD BOOK DAY 2020
हम सभी लॉकडाउन में घर पर ही रहकर समय का सदुपयोग कर सकते है आज विश्व पुस्तक दिवस है और किताबो से अच्छा कोई साथी हो नहीं सकता! यदि आप कवितायेँ पढ़ने का शौक रखते हैं तो हम आपके लिए लाएं हैं ऐसी 10 किताबें जिन्हें पढ़कर सच में ही आपको लगेगा की कुछ पढ़ा और ज्ञान बढ़ा! हमने कोशिश की है सबसे अच्छी और लोगो के द्वारा पसंद की गयी किताबो को आप तक पहुचायें !
- फिर मेरी याद | कुमार विश्वास: कोई दीवाना कहता है’ काव्य संग्रह के प्रकाशन के 12 वर्षों बाद प्रकाशित हो रहा ‘फिर मेरी याद’ कुमार विश्वास का तीसरा काव्य-संग्रह है. इस संग्रह में गीत, कविता, मुक्तक, क़ता, आज़ाद अशआर— सबकी बहार है
“कुमार विश्वास के गीत ‘सत्यम शिवम सुन्दरम’ के सांस्कृतिक दर्शन की काव्यगत अनिवार्यता का प्रतिपादन करते हैं. कुमार के गीतों में भावनाओं का जैसा सहज, कुंठाहीन प्रवाह है, कल्पनाओं का जैसा अभीष्ट वैचारिक विस्तार है तथा इस सामंजस्य के सृजन हेतु जैसा अद्भुत शिल्प व शब्दकोष है, वह उनके कवि के भविष्य के विषय में एक सुखद आश्वस्ति प्रदान करता है.” -- डॉ. धर्मवीर भारती
“डॉ. कुमार विश्वास उम्र के लिहाज़ से नये लेकिन काव्य-दृष्टि से खूबसूरत कवि हैं. उनके होने से मंच की रौनक बढ़ जाती है. वह सुन्दर आवाज़, निराले अंदाज़ और ऊंची परवाज़ के गीतकार, गज़लकार और मंच पर क़हक़हे उगाते शब्दकार हैं. कविता के साथ उनके कविता सुनाने का ढंग भी श्रोताओं को नयी दुनिया में ले जाता है. गोपालदास नीरज के बाद अगर कोई कवि, मंच की कसौटी पर खरा लगता है, तो वो नाम कुमार विश्वास के अलावा कोई दूसरा नहीं हो सकता है.” -- निद“डॉ. कुमार विश्वास हमारे समय के ऐसे सामर्थ्यवान गीतकार हैं, जिन्हें भविष्य बड़े गर्व और गौरव से गुनगुनाएगा.” -- गोपालदास‘नीरजा फ़ाज़ली
- नाराज़ | राहत इंदौरी: नाराज़ राहत इंदौरी राहत की पहचान के कई हवाले हैं - वो रंगों और रेखाओं के फनकार भी हैं, कॉलेज में साहित्य के उस्ताद भी, मक़बूल फिल्म के गीतकार भी हैंऔर हर दिल अज़ीज़ मशहूर शायर भी है I इन सबके साथ राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में इंसान की अंदरुनी और बाहरी कश्मकश के प्रत्यक्षदर्शी भी हैं I राहत की शख़्सियत के तमाम पहलू उनकी ग़ज़ल के संकेतों और प्रतीकों में छलकते हैं I उनकी शायरी की सामूहिक प्रकृति विद्रोही और व्यंगात्मक है, जो सहसा ही परिस्तिथियों का ग़ज़ल के द्वारा सर्वेक्षण और विश्लेषण भी है I
राहत की शायरी की भाषा भी उनके विचारों की तरह सूफ़ीवाद का प्रतिबिंब है I प्रचारित शब्दावली और अभिव्यक्ति की प्रचलित शैली से अलग अपना रास्ता बनाने के साहस ने ही राहत के सृजन की परिधि बनाई है I निजी अवलोकन और अनुभवों पर विश्वास ही उनके शिल्प की सुंदरता और उनकी शायरी की सच्चाई है I - निदा फाज़ली
- रात पश्मीने | गुलज़ार: रात पश्मीने की The book is a compilation of some of Gulzar's poetry. Gulzar's songs, Gulzar's dialogues, Gulzar's films, all have one quality-they carry the "rasa" of poetry because basically he remains a poet.
- मेरी फितरत है मस्ताना | मनोज 'मुंतशिर': गलियाँ, तेरे संग यारा, कौन तुझे यूँ प्यार करेगा, मेरे रश्के-क़मर, मैं फिर भी तुमको चाहूँगा जैसे दर्ज़नों लोकप्रिय गीत लिखने वाले मनोज ‘मुंतशिर', फिल्मों में शायरी और साहित्य की अलख जगाए रखने वाले चुनिंदा क़लमकारों में से एक हैं। वो दो बार IIFA अवार्ड, उत्तर प्रदेश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘यश भारती’, ‘दादा साहब फाल्के एक्सेलेन्स अवार्ड', समेत फ़िल्म जगत के तीस से भी ज्यादा प्रतिष्ठित पुरस्कार जीत चुके हैं। फ़िल्मी पण्डित और समालोचक एक स्वर में
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