मुझे आशा है कि मैंने अपना काम किया है, अब यह आप पर निर्भर है मेरे युवा लोग।
-सालिम अली
हमारी प्रकृति ने हमें कितनी ही सुन्दर और अविश्वनीय चीज़ें भेंट की हैं जिनका वर्णन कई महान कवियों ने अपनी कविताओं द्वारा किया है। जैसा की प्रकृति प्रेमी महादेवी वर्मा कोयल के विषय में उसकी मधुर वाणी का वर्णन करते हुए लिखती हैं : दाल हिलाकर आम बुलाता तब कोयल आती है। नहीं चाहिए इसको तबला ,नहीं चाहिए हारमोनियम,छिप-छिपकर पत्तों में यह तो गीत नया जाती है !
आज के हमारे इस लेख में हम बात करने जा रहे हैं भारत के बर्डमैन की जो देश के प्रथम ऐसे पक्षी विज्ञानी थे जिन्होंने सम्पूर्ण भारत में व्यवस्थित रूप से पक्षियों का सर्वेक्षण किया।
विश्व प्रसिद्ध डॉ सालिम मोइज़ुद्दीन अब्दुल अली एक भारतीय पक्षी विज्ञानी ,वन्यजीव संरक्षणवादी , प्रकृतिवादी और लेखक थे जिन्होंने पक्षियों आधारित कई किताबें लिखी जो आज के समय में पक्षी विज्ञान के विकास में सहायक हैं और महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन पक्षियों और उनकी अलग - अलग प्रजातियों के अध्यन के लिए समर्पित किया। जिसके लिए उन्होंने कई जंगलों और अलग - अलग देशों का भ्रमण किया। उनके दिए योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें १९५८ में पद्मभूषण और १९७६ में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। इसके अलावा भी उन्हें कई उल्लेख
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