शशि थरूर's image
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री और चमकीली आँखे, गोरा रंग, 5 फिट 9 इंच की लम्बाई, कातिल अंदाज़, एक सफल राजनेता एक सफल लेखक और एक सफल डिप्लोमैट, जी हाँ यही पहचान है शशि थरूर की। एक बार शशि थरूर ने कहा था की जब मैने अपने राजनितिक करियर की शुरुआत की तो मुझसे कांग्रेस, कम्युनिस्ट और बीजेपी के लोगो ने संपर्क किया लेकिन मैने कांग्रेस का चयन किया क्योकि मुझे इसके साथ वैचारिक रूप से सहज महसूस हुआ। शशि थरूर कांग्रेस का ऐसा चेहरा है जो कांग्रेस में ही रह कर पार्टी खिलाफत का भी गुल फूकने की हिम्मत दिखा चुके हैं। G23 का हिस्सा रह कर पार्टी में सुधर की बात कह देने वाले धरूर अपनी इसी बेबाकि के लिए मशहूर हैं। 9 मार्च 1956 को लन्दन में जन्मे शशि थरूर स्कूल के दिनों में थिएटर के शौकीन हुआ करते थे। उन्होंने स्कूल के कई प्रोग्राम्स में अपनी भूमिका भी निभाई। लेटर के साथ-साथ भी थरूर को लिखना पढ़ना अच्छा लगता था। वह 6 साल की उम्र से लिख रहे हैं। शशि थरूर की पहली स्टोरी मुंबई के द फ्री प्रेस जर्नल में छपी थी। उस वक़्त थरूर सिर्फ 10 साल के थे। अपने शौक के अलावा जरूर पढ़ाई लिखाई भी बहुत अच्छे थे। खरगोन अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से की लेकिन फिर वह विदेश चले गए। शशि थरूर के पिता चंदन थरूर मां सुलेका मेनन ने हमेशा थरूर का हर कदम पर साथ दिया। शशि थरूर की दो बहने भी है जिनका नाम शोभा और स्मिता है। शशि थरूर की निजी जिंदगी में भी काफी दिलचस्प रही है उन्होंने तीन तीन शादियां की लेकिन किस्मत के मारे थरूर की तीनों ही शादियां नाकाम रही। और की पहली पत्नी का नाम तिलोत्तमा मुखर्जी था जो फेमस नेता कैलाश नाथ कारजू की पोती है। शशि और तिलोत्तमा के दो बच्चे भी हैं जिनका नाम कनिष्ठ और ईशान है। लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी बनी जिससे शशी थरूर ने तिलोत्तमा को 2005 में तलाक दे दिया और 2007 में शशि थरूर ने दूसरी शादी क्रिस्टा गाइल्स के साथ की हालांकि दूसरी शादी भी कामयाब नहीं रही और कुछ वक्त साथ रहने के बाद दोनों अलग हो गए जिसके बाद शशि थरूर ने तीसरी शादी सुनंदा पुष्कर से की सुनंदा का पहले से ही एक बेटा था जिसका नाम शिव मेनन है लेकिन सुनंदा पुष्कर ने भी थरूर के साथ कुछ साल रहने के बाद आत्महत्या कर ली देखा जाए तो थरूर की निजी जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव वाले रही है लेकिन बचपन से उनकी सार्वजनिक जिंदगी हमेशा शानदार रही। एजुकेशन की बात करें तो सेंट स्टीफन कॉलेज से आर्ट्स में ग्रेजुएशन करने वाले थरूर साल 1975 में टफ्ट्स यूनिवर्सिटी आ गए थे जहाँ से उन्होंने द फ्लेचर स्कूल ऑफ़ लॉ एंड डिप्लोमेसी से M.A और M.A.L.D की डिग्री ली। यहां उन्हें सबसे अच्छा छात्र होने के लिए रॉबर्ट भी स्टीवर्ड अवार्ड से सम्मानित किया भी किया गया इतना ही नहीं थरूर को पोगेट साउंड यूनिवर्सिटी ने मानट डीलिट से भी सम्मानित किया गया। तू ने 22 साल की उम्र में पीएचडी पूरी कर ली थी जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है थरूर का कैरियर जिनेवा में 1978 जिनेवा में शरणार्थियों के लिए यू एन एच सी आर एक स्टाफ सदस्य के तौर पर शुरू हुआ था। 1981 से 1984 तक वह सिंगापुर में यू एन एच सी आर के ऑफिस के प्रमुख रहे। बाद में 1989 में उन्हें विशेष राजनीतिक मामलों के अंडर सेक्रेट्री जनरल के स्पेशल असि

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