
हिंदी की प्रोफेसर और 'हिमोजी', ‘अलबेली', 'चित्रगीत' को जन्म देने वाली 'अपराजिता शर्मा' का निधन!

हिंदी के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है कविताएं और कहानियों के साथ-साथ और भी शाखाओं पर कार्य करना आवश्यक है।
-अपराजिता शर्मा
स्माइलीज का देसी रूपान्तर करने वाली और हिंदी में हिमोजी का पहला सेट तैयार करने वाली रचनाकार अपराजिता शर्मा का ह्रदयाघात से शुक्रवार को निधन हो गया। आपको बता दें वर्तमान में अपराजिता शर्मा दिल्ली विश्विद्यालय के मिरांडा हाउस में अध्यापन कार्य कर रही थी।
२०१६ में उन्होंने हिंदी में चैट स्टीकर बनाने शुरू किए ,जिसे इमोजी नाम दिया गया ,जो देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोगो को बेहद पसंद आए।
एक बार एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया की एक शिक्षक बनकर मैं किसी विचारधारा की पक्षकार नहीं बन सकती ,लेकिन एक कलाकार की बात को लोग स्वीकारते हैं। वे अपने आपको एक कलाकार के रूप में स्वतंत्र मानती थी।
अपने हिमोजी पर वो कहती थी कि लोगों को मेरे ये हिमोजी इतने पसंद आए कि अब हिमोजीनाम का एक ऐप है। जिसे आप प्लेस्टोर से डाउनलोड करके रंगे-बिरंगे और मनमौजी हिमोजी शेयर कर सकते हैं। कैरेक्टर इलस्ट्रेशन कार्टून से इतने गहरे सवालों, अवसादों और सामाजिक निषेधों पर बात करता है, इसलिए ये काम जितना रोचक है उतना ही गंभीर भी।
आज उनका यूँ असमय चला जाना हिंदी समाज के लिए एक अपूरणीय छती है। अपने पीछे वे एक रिक्त स्थान छोड़ गयीं हैं। उनका कहना था कि हिंदी के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है कविताएं और कहानियों के साथ-साथ और भी शाखाओं पर कार्य करना आवश्यक है। हिमोजी के माध्यम से अपराजिता एक सन्देश देना चाहती थी कि अपनी भाषा में कुछ भी असंभव नहीं है। हिंदी के लिए समर्पित उनका योगदान और उनकी प्रतिभा को सदैव याद किया जाएगा।
कविशाला हिंदी के लिए समर्पित ऐसी महान प्रतिभा को नमन करता है।
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