हमारे साहित्य जगत में कई साहित्यकार है जो आज भी कविताएं ग़ज़ल एवं शायरी भी करते हैं उनका यही पेशा देश विदेश में उनका नाम उजागर करता है इन्हीं में से एक हमारे लक्ष्मी शंकर बाजपेई जी भी हैं यह सिर्फ एक कवि ही नहीं बल्कि ग़ज़लकार और संवाददाता भी है और इनकी शायरी यहां तक इनकी कविताएं आज भी देश विदेश के पत्र-पत्रिकाओं मैं प्रकाशित होती रहती है और इनके गजलें दिल को छू देने वाले होते हैं। इनका गजल संग्रह 'खुशबू तो बचा ली जाए' साहित्य जगत में बहुत प्रसिद्ध है इनको अलग अलग सम्मान से सम्मानित किया गया है जिसमें हिंदी अकादमी दिल्ली का बाल साहित्य सम्मान राष्ट्रीय भाषा गौरव सम्मान भारतेंदु सम्मान आदि प्रमुख है इनकी रचनाएं देश-विदेश के भाषाओं में अनुवाद भी हो चुकी है
अब उनकी कविताओं की बात हो रही है तो उन्होंने एक कविता लिखी थी 'ए वतन के शहीदों नमन' नामक कविता जरा इसको भी आप पढ़े...
ऐ वतन के शहीदों नमन
सर झुकाता है तुमको वतन।
जिंदगी सामने थी खड़ी
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