
भाई की मृत्यु के बाद जन्मदिन मनाना छोड़ दिया था अशोक कुमार ने !
नमस्कार पाठको ! आज 13 अक्टूबर को नियति ने एक क्रूर खेल-खेला जो बॉलीवुड की दुनिया में एक सनसनी शोक की लहर फैला गई।
सबसे पहले तो याद करते है उन दो बेहतरीन कलाकार, श्री अशोक कुमार जी व श्री किशोर कुमार जी, के बॉलीवुड की फिल्मों में अहम योगदान को :-
हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता, निर्देशक, अशोक कुमार को भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में पदम भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। छह दशकों तक उन्हें अपने बेहतरीन काम से सिनेप्रेमियों को रोमांचित किया। अशोक कुमार को "दादा मुनि " के नाम से भी जाना जाता था। अशोक कुमार का जन्म 13 अक्टूबर को बिहार के भागलपुर शहर के माधवपुर मोहल्ले के एक बंगाली परिवार में हुआ था। अशोक कुमार घर के सबसे बड़े बेटे थे। उनके दो भाई किशोर कुमार, अनूप कुमार और बहन सती रानी देवी थी। अशोक कुमार की कुछ फिल्में : "चलती का नाम गाड़ी ", "भाई-भाई ", "रागिनी ", "बंदी ", "महल ", "हावड़ा ब्रिज ", "खूबसूरत ", आदि हैं। अशोक कुमार को फिल्म जगत में नाम बनाते देख, प्रेरित होकर उनके दोनों छोटे भाइयों ने भी फिल्म जगत की ओर रुख किया।
अशोक, किशोर और अनूप : तीनों भाइयों ने "चलती का नाम गाड़ी " में मिलकर काम किया। यह एक बेहतरीन कॉमेडी फिल्म थी।
प्रस्तुत है उस फिल्म का यादगार गाने की कुछ पंक्तिया जो तीनों भाइयों पे फिल्माया गया व किशोर कुमार द्वारा गाया गया :-
बाबू समझो इशारे...
हौरन पुकारे...
पम पम पम...
यहाँ, चलती को गाड़ी...
कहते हैँ प्यारे...
पम पम पम...
सौ बातों की एक बात यही है...
क्या भला तो क्या बुरा कामयाबी में ज़िंदगी है...
टूटी-फूटी सही चल जाए ठीक है...
सच्ची-झूठी सही चल जाए ठीक है...
आड़ी-तिरछी चला-चला के झूम...
बाबू समझो इशारे...
किशोर कुमार अनेक गुणों के धनी व्यक्ति थे। किशोर कुमार संगीत क्षेत्र की वह हस्ती है, जिनका नाम कभी भुलाया नहीं जा सकता। लोग आज भी उनके गानों को प्यार करते हैं। जिनकी आवाज़ का जादू लोगो के दिलो पर छाया हुआ है। 4 अगस्त 1929 को, किशोर कुमार का जन्म हुआ। किशोर कुमार अभिनेता, गायक, निर्माता, निर्देशक, संगीतकार व लेखक के रूप में अपने न
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