अवतार सिंह संधू जिन्हें सब पाश के नाम से जानते हैं पंजाबी कवि और क्रांतिकारी थे।अवतार सिंह पाश उन चंद इंकलाबी शायरो में से है, जिन्होंने अपनी छोटी सी जिन्दगी में बहुत कम लिखी क्रान्तिकारी शायरी द्वारा पंजाब में ही नहीं सम्पूर्ण भारत में एक नई अलग जगाह बनाई थी।
जो जगह क्रान्तिकारियों में भगत सिंह की है वही जगह कलमकारो में पाश की है। इन्होंने गरीब मजदूर किसान के अधिकारो के लिये लेखनी चलाई, इनका मानना था बिना लड़े कुछ नहीं मिलता उन्होंने लिखा "हम लड़ेंगे साथी" तथा "सबसे खतरनाक होता है अपने सपनों का मर जाना" जैसे लोकप्रिय गीत लिखे। आज भी क्रान्ति की धार उनके शब्दों द्वारा तेज की जाती है। पाश का जन्म 9 सितंबर 1950 को पंजाब के जालंधर जिले के तलवंडी सलेम नामक एक छोटे से गाँव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में अवतार सिंह संधू के रूप में हुआ था।
उनके पिता सोहन सिंह संधू भारतीय सेना में एक सैनिक थे, उनके
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