Share0 Bookmarks 44260 Reads0 Likes
कहने को कुछ भी कहते
हर पल के अनुभव मे
क्षण भर के कलरव मे
आजीवन ....
संगीत मधुर ये मन को भाते
गाते....
अकुलाते सकुचाते
बस चलते जाते
टिम टिम तारों की झिलमिल उजियारी मे
सपनों की रात सलोनी होती
शिशिर हवाओं मे सिकुड़ा तन मन
कल का पावन स्वप्न सजाता
साथ सहज सब हाथ मिलाते
गाते.....
अकुलाते सकुचाते
बस चलते जाते
रूठे रागों की संध्या भी कब
सुबह सिन
हर पल के अनुभव मे
क्षण भर के कलरव मे
आजीवन ....
संगीत मधुर ये मन को भाते
गाते....
अकुलाते सकुचाते
बस चलते जाते
टिम टिम तारों की झिलमिल उजियारी मे
सपनों की रात सलोनी होती
शिशिर हवाओं मे सिकुड़ा तन मन
कल का पावन स्वप्न सजाता
साथ सहज सब हाथ मिलाते
गाते.....
अकुलाते सकुचाते
बस चलते जाते
रूठे रागों की संध्या भी कब
सुबह सिन
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments