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।। बस चलते जाते ।।

kavimay12345kavimay12345 June 24, 2022
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कहने को कुछ भी कहते
हर पल के अनुभव मे
क्षण भर के कलरव मे
आजीवन ....
संगीत मधुर ये मन को भाते
गाते....
अकुलाते सकुचाते
बस चलते जाते

टिम टिम तारों की झिलमिल उजियारी मे
सपनों की रात सलोनी होती
शिशिर हवाओं मे सिकुड़ा तन मन
कल का पावन स्वप्न सजाता
साथ सहज सब हाथ मिलाते
गाते.....
अकुलाते सकुचाते
बस चलते जाते

रूठे रागों की संध्या भी कब
सुबह सिन्दूरी चादर ओढ़े
चमक उठे आँगन में
खलिहानों मे,
मैदानो की बात अलग
क्या कहूँ गजब की
खुशबू मे
गाते....
अकुलाते सकुचाते
बस चलते जाते

नवल पखेरू के गुँजित स्वर
सरगम के सुर मे बलखाते
उथल पुथल जन जीवन के
सतत् नित्य मे इठलाते
गाते....
अकुलाते सकुचाते
बस चलते जाते ।।

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