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।। अन्तर्मन ।।

kavimay12345kavimay12345 May 15, 2022
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कब तक कहाँ तक ?
मन के जहाँ तक
लिखूँ रौशनी .......

नील हरहर समंदर मे चमचमाती चाँदनी
काली रात के शोर मे गुनगुनाती रागिनी
लिए अन्तर्मन मे जीवन की गहरी कहानी
बाहर हिलोरें लेती झिलमिल समंदर का पानी

विकट रास्ते, रास्तों मे है काँटे
मन का भरम, भरम धीरे से काटे
हल्की हल्की सी वो चुभन एक दिन
बाँट दे जीवन के वो सारे नाते

समय सरफिर

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