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हम याद रहे ना याद रहे
तेरे सर पर बस ताज रहे
तू शुक्र सरोवर सरिता सी
जीवन मे बस आजाद बहे
आभा तेरी प्रकृति कलेवर
शुभ नयन दीप मनोहर है
अधरों पर मुस्कान खिले
तो पद्मा सी रूप धरोहर है
गागर मे सागर भर भर के
सुख
तेरे सर पर बस ताज रहे
तू शुक्र सरोवर सरिता सी
जीवन मे बस आजाद बहे
आभा तेरी प्रकृति कलेवर
शुभ नयन दीप मनोहर है
अधरों पर मुस्कान खिले
तो पद्मा सी रूप धरोहर है
गागर मे सागर भर भर के
सुख
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