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मुकम्मल तो न सही,
फटेहाल कह सकते हो।
इन दिनों याद आती है तुम्हारी,
तुम नहीं तो क्या,
मेरा हाल कह सकते हो।
मुकम्मल तो न सही,
फटेहाल कह सकते हो।
ओरो ने लिखें है गीत गजल,
बाते उनकी है पर,
मेरा हाल कह सकते हो।
मुकम्मल तो न सही ,
फटेहाल कह सकते हो।
तुमने आजकल याद करना जो छोड़ दिया,
तुम भूल गए तो मेरा हाल कह सकते हो।
मोहब्बत मुकम्मल तो नही,
फटेहाल कह सकते हो।
लोग पूछते है चांदनी रात के बारे में,
चमकता चांद कहो या दागदार कह सकते हो।
महफिल आपकी है साहब,
अपना मलाल कह सकते हो।
क्यों ल
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