Share0 Bookmarks 48834 Reads1 Likes
"बीते दिन की बातों से,
अगर बहता हो अश्रुजल।
फिर युग परिवर्तन होगा कैसे,
जब तम में डूबा संसार सकल।
नयनों क
No posts
No posts
No posts
No posts
"बीते दिन की बातों से,
अगर बहता हो अश्रुजल।
फिर युग परिवर्तन होगा कैसे,
जब तम में डूबा संसार सकल।
नयनों क
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments