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August 14, 2022
हिजाब में ढका तुमको,खुद हिजाब रहित रहने को, तुम इसे इज्जत अपनी समझ बैठी,श्रंगार अपना कहने को ज़फ़र ये दुनियादारी के किस्सों से हम भी बहुत अंजान थे पर तुम तो सिमट हिजाब में रह गई,फरेब को प्यार कहने को

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हिजाब में ढका तुमको,खुद हिजाब रहित रहने को,
तुम इसे इज्जत अपनी समझ बैठी,श्रंगार अपना कहने को
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