
Share0 Bookmarks 334 Reads7 Likes
नव प्रभात की किरणों से
जीवन को ज़रा अलंकृत कर लें,
दुःख व्यापित जीवन पृष्ठों पर
इक शब्द हर्ष सम अंकित कर लें
आनंद लिए नव वर्ष खड़ा
स्वागत की थाल लिए आओ,
आनंदित भोर खड़ी द्वारे पर
मिल कर के अभिनंदित कर लें
सोच विचारों से आगे बढ़
बस कर्म मेरा विश्वास बने,
आलस की त्याग कलुषता को
हम रोम-रोम उत्साहित कर लें
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments