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मोहब्बत की दुनिया बसाने की सोचो,
दिल- ए महबूब में घर बनाने की सोचो
मगर सोच लो इक जुदाई भी होगी,
इसलिए पहले जालिम जमाने की सोचो
इस कदर तुमको खुद को बदलना पड़ेगा,
दर्द-ओ गम में भी तुम मुस्कराने की सोचो
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