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जो चढ़ जाए और उतरे नहीं उसका मेहखाना तू है
धूंडता जिंदगी में उन खुशियों का तहखाना तू है
जो मिला बड़े नसीब से और आरज़ू कि कभी गुजरे नहीं वो जमाना तू है
मेरे सीने मे धड़कने वाले तुझे किन शब्दो से उतारु तू ही बता
मेरी हर चीज का ही पैमाना तू है।
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