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इश्क बदनाम बहुत है।
बच्चो को भी हे आजकल ये आम बहुत है।
करता मैं भी जरूर पर मेरी सखियों को मुझसे काम बहुत है।
लगता लोगो पर भार ज्यादा हे मुझसे कहते तुम्हे आराम बहुत है।
क्या करु हु ही एसा जैसे गोपियों में श्री कृष्ण का नाम बहुत है।
करदु मैं भी निधिवन सी भूमि इनके नाम पर क्या करू आजकल जमीन का दाम बहुत है।
अभी एक से मिलकर आया हूं एक को मिलने जाना पहुंचु जल्दी कैसे ये जाम बहुत है।
मिलने से एक से और जाना था पर रहने देता लोग कहेंगे शाम बहुत है।
इश्क बदनाम बहुत है।
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