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Romantic PoetryPoetry1 min read

डुबाने को पानी से ज्यादा उसकी अदाएं थी...

Kapileshwar singhKapileshwar singh July 24, 2022
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डुबाने को पानी से ज्यादा उसकी अदाएं थी 

न जाने वो परी किस ही शहर से आई थी 

दूबते रहे सब आने जाने वाले वहाँ 

महफिल ही कुछ ऐसी उन्होने सजायी थी

उफ्फ वो चेहरा न जाने कहाँ से 

तराश कर लायी थी

उस जल मे जब वो परी आयी थी 

नमकीन पानी में भी मीठास भर आई थी 

कम्बक्ख

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