डुबाने को पानी से ज्यादा उसकी अदाएं थी...'s image
Romantic PoetryPoetry1 min read

डुबाने को पानी से ज्यादा उसकी अदाएं थी...

Kapileshwar singhKapileshwar singh July 24, 2022
Share0 Bookmarks 44592 Reads0 Likes

डुबाने को पानी से ज्यादा उसकी अदाएं थी 

न जाने वो परी किस ही शहर से आई थी 

दूबते रहे सब आने जाने वाले वहाँ 

महफिल ही कुछ ऐसी उन्होने सजायी थी

उफ्फ वो चेहरा न जाने कहाँ से 

तराश कर लायी थी

उस जल मे जब वो परी आयी थी 

नमकीन पानी में भी मीठास भर आई थी 

कम्बक्ख

Send Gift

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts