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जब लिया था जन्म उस जवान ने
गूंज उठा था सदन उसके आने से ,
पर क्या मालूम था किसी को?
कि वह प्राण दे देगा अपने देश को !
जब बहन ने बांधी थी राखी अंतिम बार
जीवन भर रक्षा की उम्मीद के साथ ,
पर क्या मालूम था उस बहन को?
कि अंतिम बार देख रही हैं अपने भाई को !
जब देखा था ख़्वाब उसने
जीवन भर देश की रक्षा करने का ,
पर क्या मालूम था उसे?
कि जीवन रह जाएगा एक क्षण का !
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