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तुम कहते हो बार-बार नहीं-नहीं,
मुझे भी हाँ सुनने की आदत नहीं।
हँसी नसीब नहीं ख़ुशी का ए'तिबार नहीं
ज़िंदगी ना कह दे तो कोई हवा-ख़्वाह नहीं। <
मुझे भी हाँ सुनने की आदत नहीं।
हँसी नसीब नहीं ख़ुशी का ए'तिबार नहीं
ज़िंदगी ना कह दे तो कोई हवा-ख़्वाह नहीं। <
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