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तन, मन व वचन से सत्य का
अमोघ विहान ही कविता को
गुरु तत्व प्रदान करता है।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
अमोघ विहान ही कविता को
गुरु तत्व प्रदान करता है।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
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