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सुर्ख़ सुबह पे नज़र रखता हूँ,
धधकते सूरज पे नज़र रखता हूँ
तपिश से कभी न जले पाँव&n
धधकते सूरज पे नज़र रखता हूँ
तपिश से कभी न जले पाँव&n
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