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सत्य परिणति मौन आस्थाएँ,
हमेशा तेज़ कहाँ धधकती चिताएँ।
सत्य ढूँढते जीवन जाए,
मृत्यु सत्य है देख न पाए।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय।
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सत्य परिणति मौन आस्थाएँ,
हमेशा तेज़ कहाँ धधकती चिताएँ।
सत्य ढूँढते जीवन जाए,
मृत्यु सत्य है देख न पाए।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय।
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