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'राम' सभी प्राणियों के हृदय में निवास करते हैं, इसलिए वे 'राम' है। भक्त उनमें ध्यानावस्थित होकर निवास करते हैं, इसलिए भक्त भी 'राम' हैं। सब राममय "राम-राम" है।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
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