Share0 Bookmarks 43873 Reads1 Likes
कुछ रिश्ते विजिटिंग-कार्ड की तरह होते हैं
जो आलमारी के कोने में पड़े रह जाते हैं।
कभी हम उन तक कभी वो
हम तक पहुँच नहीं पाते हैं।
यह भी देख रहा हूँ कि सिर्फ़
तेज़ बारिश है और
क़दीम पिंजरे ठिकाने बने हुए हैं
बाद
जो आलमारी के कोने में पड़े रह जाते हैं।
कभी हम उन तक कभी वो
हम तक पहुँच नहीं पाते हैं।
यह भी देख रहा हूँ कि सिर्फ़
तेज़ बारिश है और
क़दीम पिंजरे ठिकाने बने हुए हैं
बाद
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments