पूँजी
इज्ज़त की- कामिनी मोहन पाण्डेय।'s image
Poetry1 min read

पूँजी इज्ज़त की- कामिनी मोहन पाण्डेय।

Kamini MohanKamini Mohan March 28, 2022
Share0 Bookmarks 45292 Reads1 Likes
पूँजी
इज्ज़त की
शोहरत की
और कुछ सामानों की।

कमरे की पुरानी आलमारी
जो अंतिम क्रिया के लिए हाथ न फैलाने दे
उस लाॅकर की,
काग़ज़ में लपेटकर
रखे हुए चंद रुपयों की।

यह हर समझदार मध्य वर्ग और ग़रीब को
संजोने को मिली हुई विरासत है।

इस विरासत में
कुछ पूँजी रख प

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts