
Share0 Bookmarks 57 Reads1 Likes
पूँजी
इज्ज़त की
शोहरत की
और कुछ सामानों की।
कमरे की पुरानी आलमारी
जो अंतिम क्रिया के लिए हाथ न फैलाने दे
उस लाॅकर की,
काग़ज़ में लपेटकर
रखे हुए चंद रुपयों की।
यह हर समझदार मध्य वर्ग और ग़रीब को
संजोने को मिली हुई विरासत है।
इस विरासत में
कुछ पूँजी रख प
इज्ज़त की
शोहरत की
और कुछ सामानों की।
कमरे की पुरानी आलमारी
जो अंतिम क्रिया के लिए हाथ न फैलाने दे
उस लाॅकर की,
काग़ज़ में लपेटकर
रखे हुए चंद रुपयों की।
यह हर समझदार मध्य वर्ग और ग़रीब को
संजोने को मिली हुई विरासत है।
इस विरासत में
कुछ पूँजी रख प
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments