
Share0 Bookmarks 0 Reads1 Likes
प्रेम शून्य से शुरू शून्य की यात्रा है,
इतना सरपट इतना सरल कि
हमारे सांसारिक गणित का गुणा-भाग, योग-संयोग सब इसी सड़क पर गतिमान रहते हुए
अनंत की यात्रा कर पूर्ण होते हैं।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
इतना सरपट इतना सरल कि
हमारे सांसारिक गणित का गुणा-भाग, योग-संयोग सब इसी सड़क पर गतिमान रहते हुए
अनंत की यात्रा कर पूर्ण होते हैं।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments