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प्रेम के सामने यह मजबूरी
नहीं है कि वह स्पर्धा में पड़े
और अपनी जगह बनाने को
व्यावसायिक प्रयोजन अपनाए।
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और अपनी जगह बनाने को
व्यावसायिक प्रयोजन अपनाए।
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