न नीति अपनी न नियम अपना - © कामिनी मोहन पाण्डेय।'s image
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न नीति अपनी न नियम अपना - © कामिनी मोहन पाण्डेय।

Kamini MohanKamini Mohan March 31, 2022
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न नीति अपनी न नियम अपना,
जो चल गया सो चल गया।
नैतिक शिक्षा की बाँह पकड़,
कभी दाएँ, कभी बाएँ गया। 

नहीं भाई नहीं,
बिल्कुल ऐसा कुछ नहीं गया।
बुद्धि के मेले में,
नेति-नेति विवेक ठहर गया। 

दुनिया में नीति बनाने वाले,
सब कुछ है, सब कुछ है।
वो माने या न माने,
मानने वाले भी बहुत कुछ है। 

तोड़ने वाले भी कम नहीं,
ख़ुद को सयाना समझने वाले बहुत है।
थाना और कचहरी के चक्कर में,

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