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संख्याएं कभी खत्म नहीं होती हैं
शून्य से शुरु होकर
अनंत की ओर बढ़ती रहती है।
कुछ लोगों को अतीत से चोट लगती है
उन्हें ख़ुशियों की गिनती
हमेशा कम-कम लगती हैं।
इस दुनिया में प्यार बेशुमार है
लेकिन एक ही प्यार
यहाँ कभी मिलता नहीं दो बार है।
जीवन आसन्न है
हम क्या कर सकते हैं?
जानते नहीं है।
वास्तव में कोई आ जाए और बताए
कैसे धीमें-धीमें अँधेरे में
जागा सूर्योदय महसूस कराए।
क्योंकि महसूस ज़्यादातर लोग करते नहीं हैं
जब तक शरीर नियंत्रण में है
और मृत्यु दूर है,
आत्मा की सोचते नहीं है।
हम हर पकड़ को मज़बूत बनाते हैं
लेकिन जब छूटती है तो
मज़बूत पकड़ को भी
पकड़ नहीं पाते हैं?
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
शून्य से शुरु होकर
अनंत की ओर बढ़ती रहती है।
कुछ लोगों को अतीत से चोट लगती है
उन्हें ख़ुशियों की गिनती
हमेशा कम-कम लगती हैं।
इस दुनिया में प्यार बेशुमार है
लेकिन एक ही प्यार
यहाँ कभी मिलता नहीं दो बार है।
जीवन आसन्न है
हम क्या कर सकते हैं?
जानते नहीं है।
वास्तव में कोई आ जाए और बताए
कैसे धीमें-धीमें अँधेरे में
जागा सूर्योदय महसूस कराए।
क्योंकि महसूस ज़्यादातर लोग करते नहीं हैं
जब तक शरीर नियंत्रण में है
और मृत्यु दूर है,
आत्मा की सोचते नहीं है।
हम हर पकड़ को मज़बूत बनाते हैं
लेकिन जब छूटती है तो
मज़बूत पकड़ को भी
पकड़ नहीं पाते हैं?
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
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