कार्बन उत्सर्जन को कम किए बग़ैर जलवायु की चिंता करना बेमानी - © कामिनी मोहन पाण्डेय।
April 23, 2022कार्बन उत्सर्जन को कम किए बग़ैर
जलवायु की चिंता करना बेमानी
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
हम जलवायु परिवर्तन का असर ठंड के दिनों में बढ़ोतरी और भीषण गर्मी के अचानक से आ धमकने के रूप में देख रहे हैं। जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के लिए एक चुनौती है। इस चुनौती का सामना करने के लिए हमें खनिज संसाधनों पर अपनी निर्भरता को कम करना होगा। डीजल, पेट्रोल, कोयला जैसे अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के बदले नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करना शुरू कर देना चाहिए।
मौसम विज्ञान के अनुसार कई वर्षों से अप्रैल, मई और जून में औसत से अधिक तापमान का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। इससे उपजने वाला पानी का संकट सभी जीव जंतु, पशु-पक्षियों और मनुष्य के लिए रोज़ की एक समस्या और विकराल संकट का रूप ले चुका है। आईपीसीसी-इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज इस बात से आगाह करता रहा है कि ग्लोबल वार्मिंग चिंताजनक स्थिति पर पहुँच गया है। पहाड़ों पर बर्फ़ तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे मैदानी इलाकों को सूखे का जबरदस्त सामना करना पड़ रहा है।
पूरे विश्व में तापमान वृद्धि दर्ज की गई है। बीते पाँच दशकों में तीन डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में बढ़ोतरी हो चुकी हैं। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि धरती लगातार गर्म होती ही जा रही हैं। हरित गृह प्रभाव पैदा करने वाली गैसों पर कोई नियंत्रण अब तक लगाया नहीं जा सका है। इसका परिणाम यह है कि बाढ़, सूखा, चक्रवात और जलवायु से जुड़ी आपदाएं जान और माल को नुकसान पहुँचा रही हैं। बहुत सारी जीव और वानस्पतिक प्रजातियों को नष्ट करती जा रही हैं। इन सब भयानक परिस्थितियों के उपजने के बावजूद इस पर किसी का ध्यान नहीं है।
जंगलों में आग लगने की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। जिस पर लगाम लगाना मुश्किल हो रहा है। पूरी दुनिया में आग लगने की घटनाएँ बढ़ रही हैं। किसी एक देश में जंगल की आग बुझती नहीं तब तक दूसरे देश से आग लगने की समाचार प्राप्त हो जाते हैं। जंगल की आग को संभालना मुश्किल हो रहा है। कैलिफोर्निया के जंगलों, अमेजन के जंगल या भारत में उत्तराखंड के जंगल हो, कहीं न कहीं आग लगने की घटनाओं की संख्या में वृद्धि होती जा रही है।
वर्ष 2019 व 2020 में कैलिफोर्निया और अमेजन के जंगल लगातार कई महीनों तक चलते रहे जिससे ढेर सारी वनस्पति और जीव प्रजातियाँ जलकर
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments