
Share0 Bookmarks 30 Reads1 Likes
काग़ज़ का पुरज़ा
जानता हूँ कि नव निर्माण करना है मुझे पूरा
नहीं तो ख़ुशियों का महल रहेगा अधूरा
गुज़ारना नहीं है जीवन मुझे यहाँ बस यूँ ही
ग़लत सही का चक्कर है वक़्त गँवाना यूँ ही।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
जानता हूँ कि नव निर्माण करना है मुझे पूरा
नहीं तो ख़ुशियों का महल रहेगा अधूरा
गुज़ारना नहीं है जीवन मुझे यहाँ बस यूँ ही
ग़लत सही का चक्कर है वक़्त गँवाना यूँ ही।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments