एक नई बात- कामिनी मोहन।'s image
Poetry1 min read

एक नई बात- कामिनी मोहन।

Kamini MohanKamini Mohan May 18, 2022
Share0 Bookmarks 95 Reads1 Likes
दुःख की पताकाएँ,
उड़ती रहेगी।
क्षुद्रता अहंकार की ओट में
छुपती रहेगी।

जब बात से बात,
कुछ बोलेगी।
एक नई बात,
नई राह लेगी।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts