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दु:खालय का दुशाला - कामिनी मोहन।

Kamini MohanKamini Mohan June 19, 2022
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दीया बुझता है तो धुआँ उठता है

पर हमारे साथ हमारा रिश्ता जलता रहता है।

हमारे, तुम्हारे और उसके

हर बदलते रिश्ते के लिए

यादृच्छिक लहज़ा एक ही तरह की

चीज़ों का समूह निर्मित करता है।

फिर विसरित स्मृतियों को हठात

रचनात्मकता प

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