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चित्त में रहते हर पल दीपित
सत् रज् तम् से परे संकल्पित।
सृजन सृजन अंतर्मन गुम्फित
है सहज दृष्टि हृदय प्रफुल्लित।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय।
सत् रज् तम् से परे संकल्पित।
सृजन सृजन अंतर्मन गुम्फित
है सहज दृष्टि हृदय प्रफुल्लित।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय।
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