193.सनसनीगत उत्पाद
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193.सनसनीगत उत्पाद - © कामिनी मोहन।

Kamini MohanKamini Mohan November 21, 2022
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धड़कते हुए दर्द को मुट्ठी में बंद कर
चेतना के अंदर और बाहर बहते हैं।
बातचीत के टुकड़ों को जोड़ते हैं
धुँधली रोशनी और रंगों को पकड़ते हैं।

यहाँ तक कि जो संभावनाएँ पाते हैं
वो भी डिस्पोजेबल है।
हमेशा एक और व्यक्ति है
जिसकी तीव्र जलन मांस को छूते जाते हैं।

बीच-बीच में क्षण ढूँढ़ते रहते हैं
जो हमसे दूर बाहर निकल गए हैं।
लहरों के नीचे अंधेरा देखते हैं
विभाजन के प्रहार को सहते हैं।

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