Share0 Bookmarks 47891 Reads2 Likes
अंजाम से बेफ़िक्र आगाज़ करते रहे
धड़कते स्वर को अंजाम तक सुनते रहे।
अपलक दिल के सबब देखते रहे
प्रियतम की इक आवाज़ पर मिटते रहे।
अमिट प्रतीक्षा लिए इफ़्फ़त से बैठते रहे
सुनने को व्याकुल और विचलित होते रहे।
हर आहट हर दस्तक पर चलते रहे
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments