175. अंजाम से बेफ़िक्र- कामिनी मोहन।'s image
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175. अंजाम से बेफ़िक्र- कामिनी मोहन।

Kamini MohanKamini Mohan October 1, 2022
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अंजाम से बेफ़िक्र आगाज़ करते रहे

धड़कते स्वर को अंजाम तक सुनते रहे।


अपलक दिल के सबब देखते रहे

प्रियतम की इक आवाज़ पर मिटते रहे।


अमिट प्रतीक्षा लिए इफ़्फ़त से बैठते रहे

सुनने को व्याकुल और विचलित होते रहे।


हर आहट हर दस्तक पर चलते रहे

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