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रिश्तों की डोर को कुछ यूं सुलझाया करो
दिल मिले या ना मिले हाथ मिलाया करो
राह को रोकना फ़ितरत है दुनियां की
रफ़्ता-रफ़्ता सही मग़र क़दमो को तुम चलाया करो
आएंगे कई तूफ़ां, उठेंगे उफ़ां कई दरिया में
बनकर भँवर तुम हौसलों को आजमाया करो
रुकावटें बनेगी कई मूर्तबा हिलोरें तेरे रास्तों की
साहिलों को करके दरकिनार लहरों को तुम ललकारा कर
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