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दिलबर के वास्ते हर लड़की को सजना-संवरना होता है,
फिर मिले ग़म या ख़ुशियाँ चेहरे से मग़र मुस्कराना पड़ता है।
मैं नथली पहनाने के फ़न से वाक़िफ़ हूँ,
मैं जानता हूं होठों के रास्ते सफ़र करना पड़ता है।।
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