Share0 Bookmarks 31431 Reads1 Likes
मेरे घर,मेरी दुनिया की एक ज़ुबाँ है
ज़रूरतों में कोई नहीं बस एक माँ है
पिता की ढाढस, मेरे मन की आसमाँ है
जब कोई न हो , हर पल साथ मेरी माँ है
अपने घर की सम
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments