रातभर's image
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एक के तुझको ख्वाबों में भी देखना न मयस्सर,
और फिर तू याद भी आता जाता रहा रातभर,

मुझको तिरे लफ्जों से रही थी मोहोब्बत,
और फिर में तिरे पन्ने जलाता रहा रातभर,

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