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सभी शिक्षकों को समर्पित
गीली मिट्टी को ठोंक पीट,
देकर आकार सजाते है।
बनती है तभी इमारत,
जब वो नींव की ईंट बनाते हैं।
देकर किताब हाथों मे ,
वो पढ़ना लिखना सिखलाते हैं।
'क' से कोरे कागज को
'ज्ञ' ज्ञानी तक ले जाते है।
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