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वो नारी थी जो खूब लड़ी मर्दानी थी
वो सावित्री थी जो विद्या का पाठ सिखाई थी
वो लता थी जो अपनी आवाज से दुनिया को मधुर गीत सुनाई थी
किसी ने कल्पना ना की होगी ऐसी एक कल्पना थी
विज्ञान के क्षेत्र में अपना नाम बनाई थी
जब है नारी इतनी आगे तो क्यों समाज उसे उसके चरित्र का परिणाम दे
उसके रंग रूप से उसकी खुबसूरती का किताब दे
वो नारी है जिसके आँखों का पानी भी किसी और के लिए बहा
वो नारी है जिसे ना जाने कितनी नजरों से देखा गया
वो नारी है जिसने सही होकर भी सब कुछ सहा
वो लाचार नही वो आजाद है
वो दाग नही वो नाज़ है
वो हर रंग रूप में खुबसूरती का ताज है
वो नारी है जिसे कल और आज है
#SheTheLeader
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