Share0 Bookmarks 43410 Reads0 Likes
हाथों में था जो फूल महक दे गया है क्या
सूरज वो आँखों को चमक दे गया है क्या।
किनारों पे आज कैसा ये सन्नाटा पसरा है
तूफान कोई कश्तियाँ डुबो गया है क्या।
No posts
No posts
No posts
No posts
हाथों में था जो फूल महक दे गया है क्या
सूरज वो आँखों को चमक दे गया है क्या।
किनारों पे आज कैसा ये सन्नाटा पसरा है
तूफान कोई कश्तियाँ डुबो गया है क्या।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments