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क्या था उस खत में; जो नहीं था पढ़ा, मैंने अब तक
शब्द तुम्हारे कुछ कुछ इशारे करती हैं
ये प्यार बहुत खास है या फिर खास बस एक तू है
हो सके तो ज़रा महसूस कर लेना,
बेख्याली के लम्हों में, जब दिल शरारत करते हैं
थाम कर ये हाथ; चल इश्क़ की मंज़िल पार कर लेते हैं।
Pragati Juneja
शब्द तुम्हारे कुछ कुछ इशारे करती हैं
ये प्यार बहुत खास है या फिर खास बस एक तू है
हो सके तो ज़रा महसूस कर लेना,
बेख्याली के लम्हों में, जब दिल शरारत करते हैं
थाम कर ये हाथ; चल इश्क़ की मंज़िल पार कर लेते हैं।
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