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आज उसके लिए कुछ लिखने को जी चाहता है
उसकी अहमियत है क्या जताना चाहता हैं
दीवार बना वो खड़ा रहे कोई जब भी मुसीबत आई है
उसने हर उलझन को सुलझाई हैं
चाहे ज़ुबां पर हो बोल कड़वे, दिल में होता है प्यार बहुत
ना जाने बिन कहे मन की बात जान लेता है वो
जो रखता है सबको खुद से आगे
रब पूरी करदे अब उसकी भी मुरादें
लाड प्यार का जिससे एक अलग ही रिश्ता होता है
उसका होना किसी दुआ से कम नहीं होता हैं
कैसे बयां करू कैसी किस्मत है मैंने पाई
पाया है मैंने फरिश्ते जैसा भाई।
Pragati Juneja
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